जुलाई 14, 2020
प्रिय मित्रों,
पीएफएस मरीजों द्वारा अनुभव यौन रोग के संभावित रोगविज्ञान को मानने तथा जीन व्यव्हार को प्रदर्शित करने का अध्ययन बॉयलर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के अनुसंधान दल द्वारा प्रकाशित किया गया है।
कुल योग, उद्याम की तुलना में पीएफसी मरीजों में 1,446 काफी अतिव्यक्त जीन (अधिक विनियमित) तथा 2,318 काफी अव्यक्त जीन (कम विनियमित)। पीएफसी मरीजों में शिश्न त्वचा ऊतक में इन अलग से व्यवहारित जीनो का प्रमाण जैविक प्रणालियों की पहचान करता है जो कि शायद पीएफसी लक्षणों के विकास के प्रासंगिक हों।
जीन व्यवहार एक प्रक्रिया है जिसमें आरएनए बनाने के लिए डीएनए अपनी नकल बनाता है, जोकि अंततः अंगों और अंग प्रणालियों के विकास और कार्य के लिऐ उत्तरदायी प्रोटीन का उत्पादन करता है।
जुलाई 8, 2021 को अध्ययन “डिफरेंशियल जीन एक्सप्रेशन इन पोस्ट-फ़ाइनेस्टरयड सिंड्रोम पेशीयेंट्स” शीर्षक से द जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में ऑनलाइन प्रकाशित हुआ।
मोहित खेड़ा, एमडी, पुरुषविज्ञान अध्ययन के लिए बीसीएम की प्रयोगशाला के निदेशक, ने दो अन्य संस्थानों : विश्वविद्यालय टेक्सस मैक्गवर्न चिकित्सा विद्यालय तथा विश्वविधालय यूटा औषधि विद्यालय के तीन शोधकर्ताओं के समूह का नेतृत्व किया।
अध्ययन के नतीजे का प्राथमिक मापन “न्यूरोस्टेरॉइड स्तर तथा शिश्न त्वचा की कोशिकाओ से एंड्रोजन रिसेप्टर्स की क्रिया को प्रभावित करने वाली जीनों के जीन व्यव्हारआधार-सामग्री” था। अध्ययन आबादी में बाल झड़ने के लिए 5-अल्फा रिडकटेस (5α-reductase) अवरोधक(5ARI) के साथ-साथ फाइनस्ट्राइड व डूटास्ट्राइड के उपयोग की व्यक्ति वृत्त के छब्बीस पुरूष (मंझली आयु 38 वर्ष) , तथा 26 पुरूष (मंझली आयु 41 वर्ष) वैकल्पिक खतने वालो को पेश कर रहे थे जिन्होंने पहले 5 एआरआई नहीं ली थी शमिल थे।
निष्कर्षों में शामिल हैं :
- विशेष महत्व के, एण्ड्रोजन रिसेप्टर (AR) अभिव्यक्ति उद्याम के मुकाबले अध्ययन विषयो मे काफ़ी अधिक थी (P का मान = 0.1) । “शिश्न ऊतक में एआर (AR) की अति अभिव्यक्ति शायद पीएफएस मरीजों के द्वारा अनुभव किए गए यौन लक्षण के लिए जिम्मेवार हो सकती है… यह तथ्य कि पीएफएस मरीजों में एआर की उन्नत अभिव्यक्ति चिरकालिक एंड्रोजन कमी, या गतिविधि-कमी, जैसी स्थिति को सुझाती है।“
- एआर संकेतन में शमिल 15 अतिव्यक्त तथा 12 अव्यक्त जीने की भी पहचान की गई। “ मान लिया जाए की जीन व्यव्हार कई रोगों की दशा की ओर इशारा करता है, एंड्रोजन कमी की दशा की प्रतिक्रिया में एआर अतिव्यक्ति सर्वत्र शरीर की विभिन्न ऊतकों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।“
- जीन व्यवहार में जड़ विभिन्नताएं जोकि पीएफएस मरीजों में प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन तथा उनके न्यूरोस्टीरॉयड चयापचयों(metabolites) के बदले स्तरों का कारण बता सकती है उनकी पहचान की गई। “5एआरआई संसर्ग से प्रभावित दिख रहे न्यूरोहार्मोन , प्रतिक्रियाएं जोकि नस कोशिका स्वास्थ्य को नियंत्रित करती हैं,इनसे इतर…रक्तवसा संश्लेषण विनियमन में शमिल प्रक्रियाएं मुख्य रुप से शमिल थीं।“
- देखा गया “ समस्थिति और तनाव की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने वाले प्रणालियों में अपरेगुलेशन (upregulation)।“ स्टेरॉइड उपापचय , मुख्य रुप से कोर्टिकोस्टीरोन तथा कोर्टिसोल से संबधी जीनो के लिए, कई भिन्न रूप की जीनो की पहचान की गई। कोर्टिकोस्टीरोन तथा कोर्टिसोल, जो की मुख्य रुप से तनाव की स्थिति में उन्नता के लिए जाने जाते है पीएफएस मरीजों में अतिव्यक्त थे।
- टी-कोषिका (T-cell) के विकास और साइटोकाइन संकेतन से संबंधी प्रतिरक्षा तंत्र प्रणालियां भी अपरेगुलेट थीं।
“कोर्टिसोल के बढ़े स्तरों के संदर्भ में अव्यक्त ‘प्रोटेक्टिव जीनो’ [पीएफएस मरीजों में] के साथ संयुक्त अतिवयक्त सूजन विनियमक जड़ तनाव की साफ तस्वीर को दर्शाते हैं जोकि विविध शारीरिक प्रणालियों जिनमे परिसंचरण, कंकाल और तंत्रिका प्रणाली शमिल है की ओर अग्रणी करता है।“
प्रणालियां जोकि नाडियो को पुनः बनाने तथा उनके विकास को नियंत्रित करती है पीएफएस मरीजों में वह काफ़ी अनियमित थी साथ में डाउनरेगुलेटेड प्रणालियां काफ़ी ज्यादा संवर्धित थी। नाडियो को पुनः बनाने तथा उनके विकास में अनियमिता संभवतः खराब शिश्न कार्य में योगदान कर सकती है। डाउनरेगुलेटेड प्रणालियां जोकि कोशिकी आधात्री कार्य को नियंत्रित कर रही हैं वे पीएफएस मरीजों में देखी गई शिश्न के कोमल ऊतक में असमान्यताओ के लिए योगदान कर सकती हैं।
पीएफएस संस्था द्वार निधिपोषित अध्ययन, बीसीएम के पीएफएस जांच के द्वीतीय व अंतिम चरण को चिन्हित करता है।
चरण 1 , ट्रांसलेशनल एंड्रोलॉजी ऐंड यूरोलॉजी (Translational Andrology and Urology) में पिछले वर्ष प्रकाशित एक नियंत्रित स्थिति अध्ययन , पीएफएस मरीजों (मंझली आयु ३८ वर्ष) में लिंग की नसों में विषमताओ को उजागर किया है जिन्होंने पहले बाल झड़ने के लिए 5एआरआई के उपयोग को बंद किया था।
श्न की नसों में विषमताओ को शिश्न डुप्लेक्स डॉपर अल्ट्रासाउंड(penile duplex Doppler ultrasound) द्वारा पहचाना गया था, तथा समान्य क्लिनिकी परीक्षणों द्वारा अंकलित पीएफएस मरीजों के लिंग की जैविक रोगविज्ञान की रिपोर्ट के प्रकाशन को चिन्हित करता है जोकि यौन क्रिया का निष्पक्ष मूल्यांकन करता है।
संयुक्त राज्य का कोई भी व्यक्ति जो पीएसएस(PFS) से ग्रसित है वह अपने लक्षणों को संयुक्त राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन को सूचित करें। कोई भी व्यक्ति जो संयुक्त राज्य से बाहर रहता हो तथा पीएसएस(PFS) से ग्रसित है वह अपने लक्षणों को संयुक्त राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन को सूचित करें तथा अपने राष्ट्र की दवा नियामक संस्था को भी सूचित करें। जिस तरह अपने दुष्प्रभावों को सूचित करें पत्र निर्देशित करता है।
अन्ततः, यद्यपि आपका कोई प्रियजन पीएसएस(PFS) से ग्रसित है तथा अवसादित अथवा अस्थिर महसूस करता हो तो कृपया करके हमारी पीएफ संस्था को Patient Support hotline: social@pfsfoundation.org द्वारा संपर्क करने में न हिचकिचाए।
धन्यवाद